विधि सेवा एवं सामाजिक उत्थान समिति द्वारा आयोजित आज के प्रथम ई-संगोष्ठी जिसमें उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग और महिला विकास संगठन के अंतर्गत ठाकुर्पूर महासंघ एवं जे0सी0आई0 भरतपुर रोशनी की सहभागिता द्वारा आयाजित किया गया है जिसका विषय “भारत में मासिक धर्म की बहस” था।
कार्यक्रम में मुख्य अथिति माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय न्यायाधीश श्री राजेश टनडन जी, विशिष्ट अतिथि लॉ कॉलेज देहरादून के डीन डा0 राजेश बहुगुणा जी, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजय बर्थ्वाल जी प्रवक्ता डॉ0 हुमा सइद जी, माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता पल्लवि प्रताप जी, अमिटी लॉ कॉलेज की सहायक प्रोफेसर श्रीमती शश्या मिश्रा बाजपाई जी तथा महिला विकास संगठन के अन्तर्गत ठाकुरपूर फेडरेशन की अध्यक्ष श्रीमती सुमन तोमर जी रहे। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए न्यायधीश राजेश टंडन जी ने श्लोक से की ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित् दुख भाव्ये:’ जिसका अर्थ यह है कि समाज में सब सुखी रहें निरोगी रहें स्वस्थ रहें। इसके पश्चात डॉ हुमा जी ने विस्तारपूर्वक सभी श्रोताओ को चिकित्सक शब्दो में समझाया। अधिवक्ता पल्लवि जी ने कहा कि कानून में जब भी कोई सामाजिक मुद्दे को लेकर बदलाव हो तो समाज के हर वर्ग से राई लेनी चाहिये, शश्या जी ने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 के साथ सम्बंधित बताया और अखिर में सुमन तोमर जी ने लॉक डाउन के अंतर्गत उनके द्वारा विभिन्न कार्य से सभी को प्रेरित किया और साथ ही सभी को भविष्य में ऐसे कार्य कर जरुरतमंदो की मदद करने को भी कहा। कार्यक्रम की शुरुआत श्री मौहम्मद राशिद अली द्वारा संस्था को सभी के समक्ष परिचित करके की गयी और श्री दिव्यांशु नौटियाल जी के द्वारा कुछ शब्दों के साथ कार्यक्रम की समाप्ती की गयी। इसके अलावा प्रतिभागियो की समस्याओं को सुना तथा उनका विवरण किया गया। कार्यक्रम का मुख्य संचालन कु0 मोनिका मेगी, कु0 तयब्बा परवीन तथा कु0 राधिका धस्माना के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद राशिद अली , उपाध्यक्ष मोनिका नेगी, सचिव दिव्यांशु नौटियाल, कोषाध्यक्ष मोहम्मद तासीर अली, तय्यबा प्रवीन, राधिका धस्माना, सृष्टि तोमर, शिवानी थापा, आशुतोष लाम्बा, प्रियंका सिंह, मोहम्मदी, शिबा, रिथिक अगर्वाल आदि मौजूद रहे।